Date : 2023-04-03
ज्योतिष शास्त्र में चार पाये बताए जाते है। सोना, चांदी, लोहा और ताम्बा। इन्ही पायो में से किसी न किसी पाये में व्यक्ति का जन्म होता है। जिस भाव में चन्द्रमा होता है उससे पाये का पता चलता है।
चांदी का पाया
जिस व्यक्ति की कुंडली में चन्द्रमा दूसरे, पांचवे या नोवे स्थान में होता है उस व्यक्ति का जन्म चांदी के पाये में होता है। ये पाया शुभ होता है। ऐसे व्यक्ति भाग्यशाली होते है और इन्हे अपने जीवन में तरक्की प्राप्त होती है।
तांबे का पाया
जब जन्म कुंडली में चंद्रमा तीसरे, सातवें या दसवें भाव में होता है तो ऐसे व्यक्ति का जन्म तांबे पाये में होता हैं। तांबे के पाये में जन्मे लोग अपने साथ साथ अपने परिवार के लिए भी भाग्यशाली होते हैं।
सोने का पाया
ज्योतिष में सोने के पाये को शुभ नहीं माना जाता है। जब जन्म कुंडली में चंद्रमा प्रथम, छठे और ग्यारहवें भाव में हो तो ऐसे व्यक्ति का जन्म सोने के पाये में होता है। इस पाये में जन्म होने पर जीवन में संघर्ष और कठिनाई का सामना करना पड़ता है। स्वास्थ्य सम्बंधित समस्या और आर्थिक समस्या का सामान करना पड़ता है। ऐसे व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुसार सोने का दान करना चाहिए।
लोहे का पाया
जब व्यक्ति का चन्द्रमा कुंडली के चौथे, आठवे या बारवे स्थान में होता है तो ऐसे व्यक्ति का जन्म लोहे के पाये में होता है ये पाया शुभ नहीं होता है इस पाये में जन्म लेने वाला व्यक्ति संघर्ष करता है मेहनत के अनुसार भाग्य का साथ प्राप्त नहीं होता है।
ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा
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