मेष लग्न में शनि के फल बारह भावो में

Date : 2021-02-11

मेष लग्न में शनि के फल बारह भावो में



१ मेष लग्न में यदि लग्न में शनि हो तो करियर में समस्या रहती है ऐसा जातक जिद्दी और आलसी स्वभाव का होता है। करियर में स्थिरता नहीं होती है बार बार नौकरी बदलने के योग बनते है यदि शनि पर मंगल की दृष्टि हो तो टेक्निकल फील्ड में करियर बनने के योग बनते है। धन आगमन में कमी रहती है धन फसने के योग बनते है। सिर में दर्द की शिकायत रहती है। बड़ी आयु होने पर हड्डी, सर्वाइकल, नसे नाड़ी से सम्बंधित समस्या के योग बनते है। बड़े भाई के सुख में कमी रहती है। शादी में देरी के योग बनते है। छोटे भाइयो और पड़ोसियों से मतभेद रहते है।


२ मेष लग्न में यदि शनि दूसरे स्थान में होता है तो अच्छी इनकम के योग बनते है लेकिन जातक नशीले पदार्थो का सेवन करने वाला होता है। परिवार से दूर रहने के योग बनते है। धन संचय धीरे धीरे होता है। करियर अच्छा होता है। करियर में सफलता प्राप्ति के योग बनते है लेकिन ऐसे जातक की वाणी कड़वी होती है ऐसा जातक दुसरो से गलत बोलता है। दुसरो से कटुवचन बोलता है। आँखों और दांतो में समस्या के योग बनते है। चोट एक्सीडेंट की सम्भावना रहती है। प्रॉपर्टी सुख देर से प्राप्त होता है।

३ मेष लग्न में यदि शनि तीसरे स्थान में होता है तो करियर में स्थिरता नहीं होती है बार बार नौकरी बदलने के योग बनते है छोटे भाई बहनो से मतभेद रहते है। लेकिन तीसरे स्थान का शनि छोटे भाई जरूर देता है। भाग्य में रूकावट रहती है। खर्चे अधिक होने के योग बनते है लेकिन तीसरे स्थान पर शनि जातक को बहुत मेहनती बनाता है ऐसा जातक बहुत मेहनती होता है कभी भी मेहनत से पीछे नहीं हटता है। पुत्री संतान के योग बनते है।

४ मेष लग्न में यदि शनि चौथे स्थान में हो तो करियर में स्थिरता नहीं होती है क्योकि मेष लग्न में चौथे स्थान पर कर्क राशि होती है कर्क राशि का शनि कभी भी अच्छे फल प्रदान नहीं करता है इसलिए ऐसा जातक सदैव करियर में परेशानी झेलता है उसको करियर में संघर्ष करना पड़ता है। इनकम भी अच्छी नहीं होती है इनकम का फ्लो रुक जाता है। जन्म स्थान छूटने के योग बनते है माता को स्वास्थ्य सम्बंधित समस्या के योग बनते है। लड़ाई झगड़े के योग बनते है जातक के प्रत्येक कार्य देर से बनते है। मामा मौसी से मतभेद रहते है। वाद विवाद के योग भी बनते है।

५ मेष लग्न में शनि यदि पंचम भाव में है तो करियर में स्थिरता नहीं होती है इस स्थिति में भी बार बार नौकरी बदलने के योग बनते है पुत्री संतान की प्राप्ति होती है। धन आगमन में परेशानी रहती है। संतान से मतभेद के योग बनते है। विवाह में विलम्ब की स्थिति बनती है धन संचय में कमी रहती है धन हानि के योग बनते है परिवार से मतभेद रहते है। वाणी कठोर और कड़वी होती है। पिता से भी सम्बन्ध अच्छे नहीं होते है।

६ मेष लग्न में शनि यदि छठे स्थान में हो तो भी करियर में स्थिरता नहीं होती है कर्ज के योग भी बनते है अच्छी इनकम नहीं होती है। हड्डी, सर्वाइकल, नसे नाड़ी, गैस से सम्बंधित समस्या के योग बनते है गुप्त शत्रु होते है। चोट एक्सीडेंट के योग बनते है। खर्चे अधिक होते है। छोटे भाई से मतभेद के योग बनते है। 

७ मेष लग्न में सप्तम भाव में उच्च का शनि होने पर ऊंची पोस्ट के योग बनते है और अच्छी इनकम के योग बनते है लेकिन एक से अधिक सम्बन्ध होने की सम्भावना रहती है। लग्न में शनि की दृष्टि होने के कारण जातक जिद्दी स्वभाव का होता है। पत्नी धनी परिवार से होती है शादी के बाद तरक्की के योग बनते है।

८ मेष लग्न में अष्टम स्थान में शनि होने पर करियर में स्थिरता नहीं होती है लाभ में कमी रहती है धन हानि के योग बनते है परिवार से मतभेद के योग बनते है। हड्डी, सर्वाइकल, नसे नाड़ी, गैस, लकवा जैसी समस्या के योग बनते है। संतान सुख देर से प्राप्त होता है। पुत्री संतान का योग बनता है।

९ मेष लग्न में भाग्य स्थान में शनि होने पर अच्छी जॉब के योग बनते है और अच्छी इनकम के योग बनते है लेकिन भाग्य उदय धीरे धीरे होता है। लड़ाई झगड़े के योग बनते है वाद विवाद के योग बनते है चोट लगने के योग बनते है।

१० मेष लग्न में दसवे स्थान पर स्वराशि का शनि होने पर शश योग नाम का पंचमहापुरुष राजयोग बनता है इस राजयोग के कारण उच्च पद पर कार्य करने के योग बनते है इंजीनियरिंग के योग भी बनते है। अच्छी इनकम के योग बनते है शादी में देरी होती है। धन खर्च ज्यादा होते है।

११ मेष लग्न में ग्यारवे स्थान में स्वराशि का शनि होता है तो इसके कारण अच्छी इनकम के योग बनते है धन लाभ अच्छा होता है। शनि की दृष्टि लग्न पर होने से प्रत्येक कार्य में विलम्ब होता है संतान सुख में देरी होती है प्यार में धोखा खाने के योग बनते है चोट लगने के योग बनते है लेकिन आयु लम्बी होती है। पुत्री संतान का योग बनता है।

१२ मेष लग्न में बारवे स्थान पर शनि होने से करियर में संघर्ष के योग बनते है खर्चे आय से अधिक होते है। लड़ाई झगड़े, वाद विवाद के योग बनते है। धन हानि होती है। परिवार से मतभेद रहते है। भाग्य में रूकावट रहती है।

                         

ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा

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