Date : 2025-09-13
विष दोष क्या है ?
कुंडली में विष योग शनि और चंद्रमा के एक साथ होने से बनता है। इससे जीवन में मानसिक तनाव, मानसिक अस्थिरता, जीवन में संघर्ष की स्थिति बनती है जिसकी कुंडली में विष दोष होता है ऐसे व्यक्ति का मन परेशान और अशांत रहता है और उस व्यक्ति को जीवन में संघर्ष अधिक करना पड़ता है।
विष योग कैसे बनता है ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब शनि और चंद्रमा एक ही राशि में युति करते हैं तब विष दोष बनता है इसके अलावा चंद्र शनि एक दूसरे को देखते हैं तो विष योग बनता है।
विष दोष के लक्षण
1 विष दोष के प्रभाव में मानसिक तनाव रहता है मन परेशान और अशांत रहता है बुद्धि अस्थिर रहती है व्यक्ति छोटी छोटी बातो पर चिंता करता है।
2 विष दोष के प्रभाव से व्यापार में भी मन नहीं लगता है जिसके कारण व्यापार में मेहनत काम होने के कारण व्यापार में समस्या आती है और व्यापार अच्छा नहीं चलता है।
3 विष दोष के कारण व्यक्ति के मनोबल में कमी रहती है उसका कॉन्फिडेंस गिर जाता है ऐसे व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास कम होता है मन में डर की स्थिति रहती है।
4 विष दोष के कारण स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है। व्यक्ति के स्वास्थ्य प्रभावित होता है और स्वास्थ्य सम्बंधित कोई न कोई समस्या ऐसे व्यक्ति को परेशान करती है।
विष दोष के उपाय
1 विष दोष की शांति के लिए प्रतिदिन सुबह शिवलिंग पर जल चढ़ाए और शिवलिंग के सामने बैठकर राम नाम का जाप करे।
2 विष दोष की शांति के लिए प्रत्येक सोमवार शिवलिंग पर कच्चा दूध जरूर चढ़ाए और प्रतिदिन शाम को चन्द्रमा के मंत्र की एक माला का जाप जरूर करे ॐ सोम सोमाय नमः।
3 विष दोष की शांति के लिए प्रत्येक शनिवार शनि देव पर सरसो का तेल चढ़ाए। प्रतिदिन शाम को शनि के मंत्र की एक माला का जाप जरूर करे ॐ प्रां प्रीं प्रों सः शनेश्चराय नमः।
4 अगर आपकी कुंडली में चन्द्रमा और शनि योग कारक ग्रह है तो आप विष दोष के लिए चन्द्रमा या शनि का रत्न भी धारण कर सकते है लेकिन पहले किसी विद्वान ज्योतिषीय से कुंडली का विश्लेषण करवा कर चन्द्रमा और शनि के योग कारक ग्रह होने की जानकारी प्राप्त करे। भी चंद्र या शनि का रत्न पहने।
आचार्य : महेश शर्मा
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