Date : 2023-09-15
शुक्रवार का व्रत माता लक्ष्मी के लिए करते है। शुक्रवार का व्रत करने से कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते है। शुक्रवार का व्रत करने से जीवन से अनेक प्रकार की समस्याए समाप्त हो जाती है। इस ब्लॉग में आज चर्चा करेंगे की शुक्रवार का व्रत करने से क्या क्या फायदे होते है और शुक्रवार का व्रत करने की विधि क्या होती है।
शुक्रवार व्रत के फायदे
* शुक्रवार का व्रत करने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है और शुक्र ग्रह से सम्बंधित दुष्प्रभाव समाप्त हो जाते है। शुक्र ग्रह के शुभ फल प्राप्त होते है। इसलिए शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए शुक्रवार का व्रत करना चाहिए।
* शुक्रवार का व्रत करने से गृहस्त सुख में वृद्धि होती है। मैरिड लाइफ अच्छी रहती है जिन लोगो की शादी नहीं हो पा रही है उनकी शादी भी हो जाती है इसलिए शादी के लिए भी शुक्रवार का व्रत कर सकते है।
* शुक्रवार का व्रत करने से धन सम्बंधित समस्याए भी समाप्त हो जाती है। धन प्राप्ति में आ रही रूकावट दूर हो जाती है और धन प्राप्ति के अवसर प्राप्त होते है और धन में वृद्धि होती है।
* शुक्रवार का व्रत करने से परिवार में सुख समृद्धि की वृद्धि होती है। पारिवारिक सुख में वृद्धि होती है। परिवार में बरकत होती है। परिवार में शुभ और मांगलिक कार्य प्रारम्भ हो जाते है।
* शुक्रवार का व्रत करने से चेहरे से जुडी समस्या समाप्त हो जाती है क्योकि शुक्र ग्रह चेहरे और सुंदरता के कारक होते है इसलिए शुक्रवार का व्रत करने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है जिसके कारण चेहरे और सुंदरता से जुडी समस्या समाप्त हो जाती है।
* शुक्रवार का व्रत करने से संतान सुख प्राप्त होने के योग बन जाते है जिनको संतान प्राप्ति नहीं हो पा रही है उनको शुक्रवार का व्रत करना चाहिए। इससे संतान सुख प्राप्त होने के योग बन जाते है।
* शुक्रवार का व्रत करने से व्यापार में वृद्धि होती है। व्यापार में उन्नति के नए अवसर प्राप्त होते है और व्यापार आगे बढ़ने लगता है और व्यापार में अच्छा धन लाभ होता है।
* शुक्रवार का व्रत करने से भाग्य में वृद्धि होती है और सभी रुके हुए कार्य बनने लगते है। मेहनत के अनुसार भाग्य का साथ प्राप्त होता है और लाइफ में तरक्की के नए रास्ते खुलते है।
शुक्रवार व्रत की विधि
* शुक्रवार के दिन स्नान करने के पश्चात अपने घर के मंदिर में देसी घी का दीपक जलाए।
* शुक्रवार व्रत की कथा पढ़े और माता लक्ष्मी को फल का भोग लगाए।
* शुक्रवार व्रत की कथा पढ़ने के बाद माता लक्ष्मी की आरती करे।
* शुक्रवार व्रत वाले दिन फल का सेवन करे और शाम को माता लक्ष्मी की आरती करे।
* आरती करने के बाद माता लक्ष्मी को खीर पूरी का भोग लगाए और स्वयं भी ग्रहण करे।
ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा
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