Date : 2023-03-20
शुक्र मंगल की युति के सातवे स्थान में क्या फल होते है
शुक्र और मंगल दोनों ग्रह आपस में शत्रु होते है इसलिए दोनों ग्रहो का कुंडली में एक साथ किसी स्थान में बैठना ज्यादा अच्छी स्थिति नहीं है। इसके कारण वो स्थान पीड़ित हो जाता है और उस स्थान से जुड़े शुभ फल प्राप्त होने में रूकावट रहती है। उस स्थान से जुड़े दुष्परिणाम भी प्राप्त होने के योग बन जाते है। शुक्र मंगल दोनों एक दूसरे के साथ बैठकर अपने अपने शुभ फलो में कमी करते है और दोनों ग्रह एक साथ बैठकर पीड़ित हो जाते है जिसके कारण ऐसे व्यक्ति को समस्या का सामना करना पड़ता है इस ब्लॉग में हम कुंडली के सातवे स्थान में शुक्र मंगल की युति के फलो की चर्चा करेंगे।
शुक्र मंगल की युति के सातवे स्थान में फल ( shukra mangal conjuction in 7th house )* शुक्र मंगल यदि कुंडली के सातवे स्थान में एक साथ बैठे है तो शादी होने में देरी और रूकावट की स्थिति बनती है और शादी के बाद मैरिड लाइफ में समस्या होती है। पति पत्नी के बीच मतभेद और तनाव की स्थिति रहती है।
* सातवे स्थान में शुक्र मंगल होने के कारण शादी के बाद भी अफेयर की सम्भावना रहती है इसके कारण भी मैरिड लाइफ खराब हो जाती है।
* कुंडली के सातवे स्थान में शुक्र मंगल होने के कारण लाइफ पार्टनर को पेट, यूरिन, शुगर से सम्बंधित समस्या होने की सम्भावना रहती है।
* कुंडली के सातवे स्थान में शुक्र मंगल यदि पुरुष की कुंडली में होती है ऐसे पुरुष की पत्नी को पीरियड से जुडी समस्या रहती है।
* कुंडली के सातवे स्थान में शुक्र मंगल होने के कारण पार्टनरशिप में बिज़नेस करने पर समस्या होती है पार्टनरशिप में बिज़नेस सफल नहीं होता है।
* कुंडली के सातवे स्थान में शुक्र मंगल होने के कारण शादी से पहले भी लव अफेयर के योग बनते है। लेकिन लव मैरिज होने में रूकावट रहती है।
* कुंडली के सातवे स्थान में शुक्र मंगल होने के कारण लाइफ पार्टनर को ज्यादा धन खर्च करने की आदत होगी।
* कुंडली के सातवे स्थान में शुक्र मंगल होने के कारण लाइफ पार्टनर रोमेंटिक नेचर का होता है।
* कुंडली के सातवे स्थान में शुक्र मंगल होने के कारण लाइफ पार्टनर अच्छे आर्थिक रूप से संपन्न परिवार से होता है।
* कुंडली के सातवे स्थान में शुक्र मंगल होने के कारण विदेश से लाभ होने के योग बनते है विदेश से जुड़ा कार्य करने पर लाइफ में तरक्की के योग बनते है।
शुक्र मंगल के उपाय ( remedies for shukra mangal conjuction )* कुंडली में विश्लेषण करवा कर शुक्र मंगल से सम्बंधित रत्न धारण कर सकते है लेकिन पहले विशेषज्ञ ज्योतिषी से कुंडली दिखाए।
* प्रतिदिन सुबह शुक्र के जाप करे ॐ शुं शुक्राय नमः।
* प्रत्येक शुक्रवार व्रत करे।
* छह मुखी रुद्राक्ष धारण करे।
* प्रतिदिन सुबह मंगल के मंत्र की एक माला का जाप जरूर करे ॐ क्रां क्रीं क्रों सः भौमाय नमः।
* 11 मंगलवार हनुमान जी पर चोला चढ़ाए।
* प्रत्येक मंगलवार हनुमान जी पर चोला चढ़ाए।
* तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करे।
ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा