शिव तांडव स्तोत्र के फायदे

Date : 2023-12-26

शिव तांडव स्तोत्र के फायदे



शिव तांडव स्तोत्र की रचना रावण ने की थी। शिव तांडव स्तोत्र में रावण में भगवान शिव स्तुति गए है और भगवान शिव की महिमा और कृपा का वर्णन किया है। रावण ने 17 श्लोक शिव तांडव स्तोत्र में गए थे। अतः शिव तांडव स्तोत्र में 17 श्लोक है। एक बार अहंकार में आकर रावण नें कैलाश को उठाने का प्रयत्न किया तो भगवान शिव ने अपने अंगूठे से पर्वत को दबाकर स्थिर कर दिया। जिससे रावण का हाथ कैलाश पर्वत के नीचे दब गया। तब पीड़ा में रावण ने भगवान शिव की स्तुति की। इसी स्तुति को शिव तांडव स्तोत्र कहते है। जो व्यक्ति शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करता है उसे भगवान शिव की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है। इस ब्लॉग में आज चर्चा करेंगे की शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने के क्या क्या फायदे होते है


शिव तांडव स्तोत्र के फायदे

* शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से धन सम्बंधित समस्या समाप्त हो जाती है। शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से धन की कमी नहीं होती है और आर्थिक स्थिति मजबूत हो जाती है।


* शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति का चेहरा तेजमय होता है। व्यक्ति के चेहरे पर तेज और चमक आती है। व्यक्ति की धार्मिक उन्नति होती है।

* शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से आत्मबल मजबूत होता है। व्यक्ति का कॉन्फिडेंस मजबूत होता है। व्यक्ति को मानसिक तनाव की समस्या से मुक्ति होती है।

* शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से शत्रु समाप्त होते है। जो व्यक्ति शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करता है उसको कोई व्यक्ति परेशान नहीं कर पाता है कोई शत्रु उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। शत्रु समाप्त हो जाते है।

* शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने वाला व्यक्ति कभी कर्ज में नहीं फसता है। यदि किसी व्यक्ति पर कर्ज है तो उसे शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करना चाहिए इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और कर्ज से मुक्ति प्राप्त होती है।

* शिवतांडव स्तोत्र का पाठ करने से हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। अगर आपकी कोई भी मनोकामना पूरी नहीं हो पा रही है तो आपको शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इससे आपकी सभी मनोकामना पूरी होगी।

* शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से कुंडली में मौजूद दोष जैसे काल सर्प दोष, पितृ दोष आदि सभी दोषो से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। कुंडली के दोष समाप्त होते है।

* शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से नृत्य, चित्रकला, लेखन, योग, ध्यान, समाधी आदि सिद्धियों को प्राप्त किया जा सकता है। इन सभी विषयो में महारथ हांसिल की जा सकती है।

* शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से वाणी की सिद्धि भी प्राप्त की जा सकती है। जो व्यक्ति नियमित शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करता है उसकी वाणी सिद्ध हो जाती है।

 

ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा

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