रुद्राक्ष को धारण करने के नियम क्या है

Date : 2025-07-16

रुद्राक्ष को धारण करने के नियम क्या है



रुद्राक्ष भगवान शिव से सम्बंधित होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओ से हुई है। रुद्राक्ष बहुत पवित्र होता है और भगवान शिव का प्रतिक माना जाता है। रुद्राक्ष भारत और नेपाल में पाए जाते है। रुद्राक्ष का प्रयोग आध्यात्मिक उन्नति के लिए किया जाता है और ज्योतिष में रुद्राक्ष का प्रयोग मानव जीवन में ग्रहो द्वारा उत्पन्न हो रही समस्याओ के समाधान के लिए भी किया जाता है। ज्योतिष में ग्रहो से सम्बंधित रुद्राक्ष धारण किये जाते है जिससे कुंडली में मौजूद दोष का समाधान होता है और व्यक्ति के जीवन की समस्याए समाप्त होती है। रुद्राक्ष का प्रयोग माला के लिए भी किया जाता है। रुद्राक्ष धारण करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। रुद्राक्ष धरण करने से स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है व्यक्ति की एकाग्रता बढ़ती है और नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। रुद्राक्ष धारण करने के कुछ नियम होते है जिसका वर्णन निचे किया गया है।


रुद्राक्ष धारण करने के नियम

* रुद्राक्ष धारण करने से पहले स्नान करना चाहिए।

* रुद्राक्ष धारण करने से पहले रुद्राक्ष को गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए।

* रुद्राक्ष धारण करने से पहले भगवान शिव की पूजा करे और शिवजी के सम्मुख रुद्राक्ष को रखकर धुप दीप जलाए।

* रुद्राक्ष करने से पहले ॐ नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करे।

* रुद्राक्ष को पीले या लाल रंग के धागे में धारण करना चाहिए।

* रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को मांस मदिरा से दूर रहना चाहिए।

* रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को सात्विक भोजन ही करना चाहिए।

* रुद्राक्ष को गंदे हाथो से छूना नहीं चाहिए।

* गर्भवती महिला को रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए।


ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा

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