Date : 2023-05-22
मंगल केतु की युति के फल
कुंडली में मंगल प्रॉपर्टी, छोटे भाई, ब्लड, हड्डी, क्रोध, पराक्रम, गुप्त रोग के कारक होते है। यदि कुंडली में मंगल पीड़ित होते है तो अनेक प्रकार की समस्याए उत्पन्न होने लगती है। अगर कुंडली में मंगल केतु के साथ होता है तो मंगल पीड़ित अवस्था में होता है इसके कारण अंगारक दोष बनता है। मंगल केतु का योग कुंडली में होना अच्छा नहीं होता है। मंगल केतु की युति के कई प्रकार के नकारात्मक परिणाम प्राप्त होते है। इसलिए मंगल केतु की युति कुंडली में अच्छी नहीं मानी जाती है। इस ब्लॉग में चर्चा करेंगे की मंगल केतु की युति के क्या क्या फल प्राप्त होते है।
मंगल केतु की युति के फल● कुंडली में मंगल केतु से पीड़ित होता है तो ऐसे व्यक्ति को गुस्सा अधिक आता है। ऐसा व्यक्ति चिड़चिड़े स्वभाव का होता है और व्यर्थ में ही गुस्सा करता है। ऐसे व्यक्ति को छोटी छोटी बातो पर बहुत गुस्सा आता है।
● कुंडली में मंगल केतु की युति होने के कारण छोटे भाई के सुख में कमी रहती है अगर छोटा भाई होता है तो छोटे भाई से मतभेद की स्थिति रहती है। ऐसे व्यक्ति के अपने छोटे भाई से वैचारिक मतभेद होते है। छोटे भाई से ज्यादा बनती नहीं है।
● कुंडली में मंगल केतु की युति होने पर हड्डियों से जुडी समस्या, ब्लड से जुडी समस्या, कब्ज, पाइल्स, भगंदर से सम्बंधित समस्या होने के योग बनते है।
● कुंडली में मंगल केतु की युति होने पर प्रॉपर्टी से जुडी समस्या होती है प्रॉपर्टी को लेकर वाद विवाद के योग बनते है प्रॉपर्टी सुख प्राप्त होने में देरी होती है अपना स्वयं का मकान देर से बनने के योग बनते है।
● कुंडली मंगल केतु की युति होने पर चोट एक्सीडेंट की सम्भावना रहती है इसलिए मंगल केतु की युति का कुंडली में होना अच्छा नहीं माना जाता है। इसके उपाय करने चाहिए।
● कुंडली में मंगल केतु की युति होने पर व्यक्ति के अंदर ज्यादा पराक्रम नहीं होता है या अगर पराक्रम होता है तो आपराधिक प्रवृति का पराक्रम होता है। ऐसा व्यक्ति आपराधिक प्रवृति का होता है।
● कुंडली में मंगल केतु की युति होने पर सिर से सम्बंधित समस्या, सिर में दर्द की समस्या होने के योग बनते है। इसलिए मंगल केतु की युति अच्छी नहीं मानी जाती है। इसके उपाय करने चाहिए।
मंगल केतु के उपाय | mangal ketu ke upay● मंगल को मजबूत करने के लिए प्रतिदिन सुबह मंगल के मंत्र की एक माला का जाप जरूर करे ॐ क्रां क्रीं क्रों सः भौमाय नमः। इससे मंगल के दुष्प्रभाव समाप्त हो जाते है और मंगल मजबूत हो जाता है और मंगल अपने शुभ फल प्रदान करने लगता है।
● मंगल को मजबूत करने के लिए किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से कुंडली दिखाकर मूंगा रत्न धारण करे। मूंगा रत्न धारण करने से मंगल के दुष्प्रभाव समाप्त हो जाते है और मंगल मजबूत हो जाता है और मंगल अपने शुभ फल प्रदान करने लगता है।
● मंगल को मजबूत करने के लिए तीन मुखी रुद्राक्ष भी धारण कर सकते है। तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मंगल के अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाते है और मंगल के शुभ फल प्राप्त होते है।
● मंगल को मजबूत करने के लिए प्रत्येक मंगल हनुमान जी का व्रत करे। हनुमान जी का व्रत करने से मंगल ग्रह मजबूत हो जाता है और अपने शुभ फल प्रदान करता है।
● मंगल को मजबूत करने के लिए प्रत्येक मंगलवार हनुमान मंदिर जाकर प्रसाद चढ़ाए। इससे मंगल के अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाते है और मंगल के शुभ फल प्राप्त होते है।
● मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए मंगल गायत्री मंत्र का जाप भी कर सकते है ॐ अंगारकाय विदमहे शक्ति हस्ताय धीमहि तन्नो भौमः प्रचोदयात् । इससे मंगल के अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाते है और मंगल के शुभ फल प्राप्त होते है।
● मंगल को मजबूत करने के लिए 11 मंगलवार हनुमान जी पर चोला चढ़ाए। हनुमान जी पर चोला चढाने से मंगल ग्रह मजबूत हो जाता है और अपने शुभ फल प्रदान करने लगता है।
● केतु की शांति के लिए प्रत्येक बुधवार कुत्ते को दूध ब्रेड खिलाए। इससे केतु ग्रह की शांति होती है और केतु ग्रह अपने शुभ फल प्रदान करते है।
● केतु की शांति के लिए प्रतिदिन सुबह पक्षियों को सतनाज खिलाए। इससे भी केतु ग्रह की शांति होती है और केतु के दुष्प्रभाव समाप्त हो जाते है और केतु के शुभ फल प्राप्त होते है।
ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा