कन्या लग्न में केन्द्राधिपति दोष के फल

Date : 2023-03-11

कन्या लग्न में केन्द्राधिपति दोष के फल



केन्द्राधिपति दोष तब लगता है जब कोई ग्रह दो केंद्र स्थान का मालिक होता है और वो ग्रह तीन, छह, आठ, या बारवे स्थान में बैठा है तो उस ग्रह को केन्द्राधिपति दोष लगता है। इस ब्लॉग में हम कन्या लग्न की चर्चा करेंगे। कन्या लग्न में बुध और बृहस्पति दो केंद्र के मालिक होते है कन्या लग्न में बुध लग्नेश भी है और दशमेश भी है इस प्रकार बुध को कन्या लग्न में केन्द्राधिपति दोष लगेगा। लेकिन अगर बुध स्वराशि का होगा तो केन्द्राधिपति दोष नहीं लगेगा। कन्या लग्न में बृहस्पति भी दो केन्द्रो के मालिक होते है बृहस्पति कन्या लग्न में चौथे स्थान और सातवे स्थान के मालिक होते है ये दोनों ही स्थान केंद्र स्थान कहलाते है इसलिए कन्या लग्न में बृहस्पति को भी केन्द्राधिपति दोष लगेगा। जब बुध और बृहस्पति कन्या लग्न में तीन, छह, आठ या बारवे स्थान में होंगे तो केन्द्राधिपति दोष से पीड़ित से पीड़ित होंगे जिसके फलस्वरूप इनके शुभ फल प्राप्त नहीं हो पाएंगे और ये दोनों ग्रह अपने अपने अशुभ परिणाम देंगे। जब बुध बृहस्पति कन्या लग्न में केन्द्राधिपति दोष से पीड़ित होंगे तीन, छह, आठ या बारवे स्थान में होंगे और पाप प्रभाव में होंगे तब केन्द्राधिपति दोष के दुष्परिणाम पूर्ण रूप से प्राप्त होंगे। इसके अलावा किसी दूसरी स्थिति में केन्द्राधिपति दोष के दुष्परिणाम प्राप्त नहीं होते है। केन्द्राधिपति दोष के दुष्प्रभाव इस प्रकार है।



कन्या लग्न में  केन्द्राधिपति दोष के दुष्परिणाम

* कन्या लग्न में बुध के केन्द्राधिपति दोष से पीड़ित होने पर करियर में समस्या आती है करियर में स्थिरता और तरक्की प्राप्त होने में रुकवाट आती है।

* कन्या लग्न में बुध के केन्द्राधिपति दोष से पीड़ित होने पर स्वास्थ्य कमजोर रहता है। स्वास्थ्य सम्बंधित समस्या रहती है।

* कन्या लग्न में बुध के केन्द्राधिपति दोष से पीड़ित होने पर मान सम्मान पूर्ण रूप से प्राप्त नहीं होता है। मेहनत के अनुसार तरक्की प्राप्त नहीं होती है।

* कन्या लग्न में बुध के केन्द्राधिपति दोष से पीड़ित होने पर लाइफ में संघर्ष अधिक करना पड़ता है प्रत्येक कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है।

* कन्या लग्न में बुध के केन्द्राधिपति दोष से पीड़ित होने पर स्किन से जुडी समस्या रहती है कोई न कोई स्किन प्रॉब्लम परेशान करती है।

* कन्या लग्न में बृहस्पति के केन्द्राधिपति दोष से पीड़ित होने पर शादी होने में देरी और रूकावट के योग बनते है अच्छे रिश्ते मिलने में रूकावट आती है।

* कन्या लग्न में बृहस्पति के केन्द्राधिपति दोष से पीड़ित होने पर शादी होने के बाद मैरिड लाइफ में समस्या रहती है गृहस्त सुख में परेशानी रहती है गृहस्त कष्ट के योग बनते है।

* कन्या लग्न में बृहस्पति के केन्द्राधिपति दोष से पीड़ित होने पर वजन से जुडी समस्या रहती है। शरीर का वजन या तो ज्यादा होता है या ऐसा व्यक्ति अंडर वेट होता है।

* कन्या लग्न में बृहस्पति के केन्द्राधिपति दोष से पीड़ित होने पर पेट और पाचन क्रिया से सम्बंधित समस्या के योग बनते है।

* कन्या लग्न में बृहस्पति के केन्द्राधिपति दोष से पीड़ित होने पर प्रॉपर्टी से जुडी समस्या रहती है अपना मकान बनने में देरी और रूकावट के योग बनते है।

* कन्या लग्न में बृहस्पति के केन्द्राधिपति दोष से पीड़ित होने पर जन्म स्थान छूटने के योग बनते है जन्म स्थान से दूर काम करने के योग बनते है।

* कन्या लग्न में बृहस्पति के केन्द्राधिपति दोष से पीड़ित होने पर माता से मतभेद रहते है माता से वैचारिक मतभेद बने रहते है।


कन्या लग्न में केन्द्राधिपति दोष के उपाय

* प्रतिदिन सुबह बुध के मंत्र की एक माला का जाप जरूर करे ॐ बुं बुधाय नमः।

* एक पन्ना रत्न पंचधातु की अंगूठी में जड़वा कर अपनी सबसे छोटी ऊँगली में बुधवार की सुबह धारण करे।

* बुध को मजबूत करने के लिए चार मुखी रुद्राक्ष धारण करे। इससे बुध मजबूत होगा।

* बृहस्पति को मजबूत करने के लिए पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करे। इससे बृहस्पति ग्रह मजबूत होगा।

* प्रतिदिन सुबह बृहस्पति के मंत्र की एक माला का जाप जरूर करे ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः।

* प्रत्येक वीरवार व्रत करे। इससे बृहस्पति ग्रह मजबूत होगा।

* वीरवार के दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करे।



ज्योतिषाचार्य : महेश शर्मा

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